जिन्दगी में कभी कभी कुछ इसे रिश्ते ऐसे रिश्ते बनते है, जिनका न कोई नाम होता है, न हम उन रिश्तो को बयां कर सकते है/
ना कोई पहेचान होती है/
सिर्फ मंजिले अलग होती है तौ उन रिश्तो को छोड़ना पड़ता है / इसे मोड़ पे खड़े रहते है जहा से वो वापिस नहीं लाये जाते है........
यह बात है उन रिश्तो की ........... जिनसे कुछ सुकून के पल .....जो उन रिश्तो ने हमें दिए है .....
जो बड़े ही नसीबो से मिलते है/
जो हमें तकलीफे जेलने में हिम्मत देते है.....बड़े अनमोल होते है वो रिश्ते जो हमें रोते वक़्त बी हसते रहने की हिम्मत देते है... जिन्दगी की जंग जितने के लिए उनकी मुस्कान ही काफी होती है.......
ये रिश्ते कभी हमारी मुस्कुराने की वजह होते है ,,,, ऐसे सवालो के जवाब होते है , जिन परेशानियो में इन्सान पूरी उम्र उलझा रहता है /
इन रिश्तो को महकने दो ....... मुस्कुराने दो ...... और खुदी को महकाओ/
जिन्दगी कभी नहीं ठहरती, वो चलती जाती है, रिश्ता बी महकता है/
पर हकीकत में जिन्दगी कुछ और है/ थोड़ी सांस ली , ठहरा और सोचा के चाहे नाम क्यों न हो इस रिश्ते का जो बी है उसे स्वीकार कर के उसे अपना बनाया है/
जो बीत गया वो कल था , जो आज है वो परम आनंद है -ख़ुशी है , क्यों न उस रिश्ते को जिउ में?
जिसने मुझे कल में से निकल कर आज में जीना सिखाया और आने वाले कल को जीने क लिए उम्मेदे दी, शक्ति दी!!!!
संभालना है उस रिश्ते को मुझे जिसने मेरे अश्क मुझसे ले कर सिर्फ ख़ुशी और मुस्कराहते रहने की ताकत दी!!
मेरी मुझसे पहचान कराइ/
भले वो ना हो सका मेरा .......पर हर पल का साथ होने का एहसास दिया, जिसे पाने से बी ज्यादा अपने अन्दर में एक जगह दी/
यह उनका रिश्ता एसा है जो अब कल का भय नहीं दे रहा पर आनेवाले कल के खुबसूरत सुबह की आहट दे रहा है/
नहीं देना उस रिश्ते को नाम मुझे!!!
इसे ही उसके साथ रहना है मुझे, ताकि कल कोई आए मेरे जैसा जिसका में वो खुबसूरत रिश्ता बन सकू!!!!!!!!
जब अगर पाने की तम्मान्ना छुट जाती है तो रिश्ता बहोत खुबसूरत मक़ाम पर खड़ा होता है !!!! फर्क सिर्फ हमारे नजरिये का है!!!!!!
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