Wednesday, November 14, 2012

Happy Children's Day!!!!!!!

Dear children! A smile of yours can show heaven on earth. A twinkle of your eyes can still us for ages. Happy children's day.God Bless.
Children’s day is special day for the children. Universally, Children’s Day is celebrated on 20th November, every year. But in India it is celebrated on 14th November, because the date marks the birth anniversary of legendary freedom fighter and independent India’s first Prime Minister – Pundit Jawaharlal Nehru. As a tribute to Nehru and his love for children, Children’s Day is celebrated on his birth date. This day reminds to each and every one of us, to renew our commitment to the welfare of children and teach them to live by their Chacha Nehru’s quality and dream.





 

Monday, November 12, 2012

Shubh Diwali...........

कुछ इस तरह जिन्दगी को हँस कर बिताएंगे 
कि हर सुबह ईद और हर शाम "दीवाली" का उत्सव मनाएंगे :-)



Enjoy Diwali with Bollywood Songs...........

Thursday, November 8, 2012

एक आत्मा की फ़रियाद / इस्मत ज़ैदी

ये कविता उस स्थिति को ध्यान में रख कर लिखी गई जब एक अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट ये तय कर देती है कि आने वाले जीवन को कन्या होने के नाते जीने का अधिकार ही नहीं है, ईश्वर ने एक शरीर में आत्मा डाली और उसे बताया कि तुम कन्या बन कर संसार में जाओगी, ये सुन कर वो आत्मा सिहर उठती है और ईश्वर से जो फ़रियाद करती है वो कविता के माध्यम से आप तक पहुँचाने का प्रयास किया है ।


हे भगवन ये क्या कहते हो ?
क्या धरती पर जाना होगा?
नहीं नहीं मुझ को मत भेजो 
जाते ही तो आना होगा

हे ईश्वर मैं तो हूँ कन्या
जिस भी कुल में मैं जाऊँगी
पता नहीं वो कैसा होगा 
जीवित क्या मैं रह पाऊँगी ?

ऐसा ना हो पापा-मम्मी 
दे न सकें मुझ को सम्मान
भैया का तो होवे आदर 
मिले मुझे ना जीवन-दान

मालिक मुझे तो डर लगता है
जीवन शायद प्यार को तरसे
शिक्षा से वंचित रह जाऊँ
कह न सकूँ कुछ भी मैं डर से 

माना सब कुछ मिल भी गया तो 
भाई-बहन का आदर मान
माँ-पापा का प्यार दुलार
और ज्ञान का भी वरदान

तो भी क्या मैं बच पाऊँगी ?
पति के घर में तेल भी होगा 
माचिस की तीली भी होगी
हाथ मेरा पर ख़ाली होगा

तुम तो विघ्नविनाशक हो 
ज़ुल्मों के संहारक हो 
अपनी धरती के लोगों को 
मानवता का पाठ पढ़ाओ

फिर मैं धरती पर जाऊँगी
ज़हरा, मरियम और सीता के 
पावन पदचिन्हों पर चल कर
इक दिन सब को दिखलाऊँगी