Thursday, April 12, 2012

मैं अलबेली कोई पहेली ......

अब तेरे बारे में नया इतिहास लिखा जायेगा ,
आँख में पानी नहीं अब आग लिखा जायेगा..
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मेरे अंदर हैं एक मासूम सी छोटी बच्ची,
.उम्मीदों से भरी ,निरंतर,उदार ,
पालन करने वाली मां भी,  
एक प्रेमपगी भरोसेमंद और निष्ठावान स्त्री ;
मेरे अंदर ही अनेकानेक स्त्रियों की छवि ,
उपेक्षा अवहेलना कभी मत करो,
मुझे एक रूप में कभी मत देखो,
कभी एक मासूम बच्ची ,
कभी उद्यमी ,कभी सयानी 
और कभी खुद को आदर सम्मान की चाह रखने वाली .....
मांग रही है तुमसे निष्कपट शुद्ध बर्ताव .......
अब जब भी तुम किसी पास पड़ोस की स्त्री को देखो ,
तो सबसे पहले उसके अंदर झांकना 
वहां जरूर दिख जाएगी तुम्हे 
एक मासूम सी बच्ची...............




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