Wednesday, July 25, 2012

तुलसी दास जी की जयंती पर उन के चरणों में हमारा कोटि कोटि वंदन नमन

श्री राम चरित मानस एवं हनुमान चालीसा की रचना कर श्री  राम और हनुमान जी महाराज को हमारे लिए सहज करने वाले महान संत कवि श्री तुलसी दास जी की जयंती पर उन के चरणों में हमारा कोटि कोटि वंदन नमन

तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के बाँदा जिले में स्थित राजापुर नामक ग्राम में संवत् 1554 की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन हुआ था। उनके पिता का नाम आत्माराम दुबे तथा माता का नाम हुलसी देवी था।

तुलसीदास ने  रामायण के माध्यम से  सबको एक सूत्र  मैं बंधने का महान कार्य किया ....
कुछ प्रसिद्ध दोहे आज भी प्रासंगिक हैं जैसे ...

आवत ही हर्षे नही नैनन नही सनेह!

तुलसी तहां न जाइए कंचन बरसे मेह!!

तुलसी मीठे बचन ते सुख उपजत चहु ओर!
बसीकरण एक मंत्र है परिहरु बचन कठोर!! 

तुलसी साथी विपत्ति के विद्या, विनय, विवेक!
साहस सुकृति सुसत्याव्रत राम भरोसे एक!!

काम क्रोध मद लोभ की जो लौ मन मैं खान! 
तौ लौ पंडित मूरखों तुलसी एक समान!! 

प्रभु  तरु पर, कपि डार पर ते, आपु समान!
तुलसी कहूँ न राम से, साहिब सील निदान!!

चित्रकूट के घाट पर भई संतान की भीर !
तुलसीदास चंदन घिसे तिलक करे रघुबीर!!67

तुलसी पावस के समय धरी कोकिलन मौन!
अब तो दादुर बोलिहं हमें पूछिह कौन!! 

हम ऐसे महान संत कवि एवं समाज सुधारक को पुनः नमन वंदन करते है. जय श्री राम ..जय श्री हनुमान. .....






No comments:

Post a Comment