Wednesday, October 2, 2013

सायोनारा दिल्ली..




आज एक और सफ़र शुरू होगा अगले सफ़र को शुरू करने से पहले आज दिल्ली के पन्ने सामने आ रहे हैं..

दिल्ली की बहुत सारी यादे दिल के करीब हैं,कुछ व्यक्तिगत ,सामाजिक ,राजनीतिकऔर आर्थिक भी हैं...यहाँ आने पर कुछ उतर चढाव भी आये,सामाजिक दायरे बनते रहे ,साथ ही राजनीतिक गलियारों की हलचल से रूबरू होते रहे. कभीअन्ना हजारे का जलवा तो कभी दिल्ली गैंग रेप जैसी हृदयविदारक घटनाएँ दिल में समाती गयी। आर्थिक मुद्दों की बात करे तोएक तरफ  रूपये का निरंतर गिरते रहना ,प्याज और टमाटर की बढती कीमतें रोज़मर्रा की ज़िन्दगी को प्रभावित करती रही
वही दूसरी तरफ पेट्रोल और डीजल की कीमतें भी आँख मिचौली करती रही.
कभी दिल्ली हाट, किंगडम ऑफ़ ड्रीम्स, कुतुबमीनार प्राचीन हनुमान मंदिर ,इंडिया गेट ,अक्षरधाम मंदिर या कुछ नहीं तो सरोजनी नगर दोस्तों के साथ घूमते रहे ..इतना ही नहीं सप्ताह के अंत में DSOI जाना बहुत मनोरंजक रहा ..सूरजकुंड का मेला ,और ट्रेड फेअर, पतंग महोत्सव का भी आनंद लिया ..आज जाते हुए एक मिश्रित अहसास है न दुःख न सुख ..बस इतना ही कह सकती हूँ.अगर कुछ छूट रहा है तो कुछ आगे इंतज़ार भी कर रहा है..शुक्रिया दिल्ली.....अच्छा रहा साथ...
बचपन में बाइस्कोप गाना सुनते थे ..
"दिल्ली का कुतुबमीनार देखो ,बम्बई शहर की बहार देखो ,
ये आगरे  का ताज महल ,घर बैठे सारा संसार देखो.."
जो भी हो दिल्ली दिल से दूर नहीं हो सकती....
सायोनारा दिल्ली......


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